मप्र के बड़े शहरों में इस बार की होली बे-रंग, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में लोग घर से बाहर गुलाल नहीं उड़ा पाएंगे

कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी आपत्ति जताई, कहा- गमी के त्योहार पर रंग डालने जाने से नहीं रोक सकते हमें

मप्र के बड़े शहरों में इस बार की होली बे-रंग रहेगी। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में लोग घर से बाहर गुलाल नहीं उड़ा पाएंगे। जुलूस, सामूहिक आयोजन पर पहले से ही रोक है। भोपाल में हिंदू उत्सव समिति ने पहले ही तय किया है कि सोमवार सुबह 6:15 बजे होली जलाई जाएगी। इंदौर की होलिका दहन और गेर को प्रतिबंधित कर दिया गया है। यहां होली पर रोक को लेकर विरोध शुरू हो गया है। भाजपा के प्रवक्ता उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी के फैसले से सहमत नहीं हूं। मेरे मोहल्ले में कोविड गाइडलाइन के हिसाब से होली का पूजन होगा। जिलाधीश जी आपका प्रकरण, डीआईजी आपका डंडा शिरोधार्य! मेरे भाई के निधन के बाद धुलेंडी पर परिवार में सीमित सीमा में रंग डालने स्वजन भी आएंगे। इधर, कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी प्रतिबंध पर सवाल उठाते हुए रंग डालने जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी नहीं, भाजपा के लोग अनैतिक फैसले कर रहे हैं। भाजपा कार्यालय में जाकर ऐसी बैठकें करिए। हम होली का रंग डालने जाएंगे क्योंकि यह गमी का त्योहार है। सूतक खत्म करने का त्योहार है। समाज के लोग जाते ही हैं।

रविवार को दिन में लॉकडाउन और उसके बाद नाइट कर्फ्यू सुबह 6:15 बजे तक लगा रहेगा। भोपाल हिंदू उत्सव समिति ने तय किया है कि रात की जगह इस बार होलिका दहन सोमवार सुबह किया जाएगा। भोपाल में यह स्थिति पहली बार बनेगी। यहां सामूहिक रूप से होली के आयोजन नहीं होंगे। कोई जुलूस नहीं निकाल सकेंगे।

भोपाल में इस बार लॉकडाउन के कारण होलिका दहन को लेकर संस्कृति बचाओ मंच और हिंदू उत्सव समिति आमने-सामने आ गई हैं। हिंदू उत्सव समिति के एक दिन पहले होली सोमवार यानी 29 मार्च की सुबह 6.15 जलाने के निर्णय लिए जाने 24 घंटे बाद संस्कृति बचाव मंच ने इसका विरोध शुरू कर दिया।

संस्कृति बचाओ मंच रात में ही होली दहन के लिए अड़े

संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि सुबह 6:15 बजे होली जलाने का कहीं कोई नियम नहीं है। होलिका का दहन रात में ही किया जाएगा। मंदिर समिति के लोग ही होलिका का दहन करेंगे, जिससे नियमों का भी उल्लंघन नही होगा और हमारी मान्यता भी प्रभावित नहीं होगी। हम रविवार रात 8 बजे सांकेतिक रूप से होलिका दहन करेंगे। तिवारी ने कहा कि होलिका दहन का महत्व रात का है। इस कारण से समिति के गिने-चुने कार्यकर्ता सांकेतिक रूप से पूजन करके और होलिका का दहन करेंगे। हम मंदिर से ही अनाउंसमेंट कर लोगों को घर पर ही रहने की सलाह देंगे।

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